सहकारिता एवं कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने आज यहां किसानों से उपज खरीद, मंडियों के संचालन खरीफ 2020 की तैयारी, फसल कटाई सहित अन्य मुद्दों पर कृषि, सहकारिता, कृषि विपणन, राजफैड एवं हार्टिकल्चर से पंचायत समिति स्तर तक के संबंधित अधिकारियों की संयुक्त वीडियो कान्फ्रेसिंग को संबोधित करते हुए यह बात कही।
गंगवार ने बताया कि निजी गौण मंडी के रूप में घोषित 488 सहकारी समितियां (420 ग्राम सेवा सहकारी समितियां एवं 68 क्रय-विक्रय सहकारी समितियां) एक सप्ताह के भीतर क्रियाशील हो जाएं यह सुनिश्चित किया जाएगा जिससे किसानों से सीधी खरीद हो सके।
उन्होंने कृषि मंडी सचिवों को निर्देश दिए कि किसानों से उपज खरीद के लिए व्यापारियों को तीन दिन में लाईसेंस जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में एक हजार प्रोसेसिंग यूनिट कार्य कर रही है। इन सभी यूनिट को किसानों से उपज खरीद के लिए लाईसेंस जारी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते विभाग की भूमिका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि किसानों को लाॅकडाउन के दौरान कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े इसके लिए जिला प्रशासन के सहयोग से कार्य योजना बनाकर किसानों से जुड़ी जरूरतों की सुविधा प्रदान करे।
उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर कोटा संभाग में गेहूं, सरसों एवं चना की खरीद 16 अप्रेल से प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि शेष राजस्थान में एक मई से समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू की जाएगी। किसानों को अपने खेत के नजदीक ही उपज बेचान का केन्द्र मिले इसके लिए खरीद केन्द्रों की संख्या बढाई गई है। पूर्व में 279 केन्द्र समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए खोले गए थे। अब 388 और नए खरीद केन्द्रों को खोला गया हैं।
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