- एप्लाइड स्वास्थ्य सूचना विज्ञान विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित
- सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया
शनिवार को महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के विवेकानंद ऑडिटोरियम में शुरू हुए इस सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इनमें 10 प्रतिनिधि बांग्लादेश, डेनमार्क, अमेरिका से थे जबकि अन्य भारत के कई शहरों से शामिल हुए थे। टेलीमेडिसिन सोसायटी ऑफ इंडिया के राजस्थान चैप्टर की ओर से यह सम्मेलन महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के साथ आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग की सचिव सुश्री मुग्धा सिन्हा (आईएएस) थीं। वहीं, अमेरिका से आए डॉ. के. मोइदू को गेस्ट ऑफ ऑनर दिया गया। मुग्धा सिन्हा ने इस मौके पर चिकित्सा सूचना विज्ञान को भविष्य की वास्तविकता के रूप में स्वीकार करने के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के प्रयासों की खूब सराहना की।
सिन्हा ने इस मौके पर कहा कि वर्तमान में देश में करीब 60 लाख लोग हेल्थ केयर डोमेन के तहत प्रशिक्षण ले रहे हैं। एक सर्वर के मुताबिक भारत नौकरी शुरू करने के मामले में सबसे आगे है। यहां 19 साल के एक लड़का भी नौकरी करना शुरू कर रहा है। उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे इस बाक की बेहद खुशी है कि पहली बार किसी विश्वविद्यालय में इस तरह का सम्मेलन कर रहे हैं और वह सरकारी नहीं है। इससे छात्रों को एक्सपोजर मिल रहा है और वे कई तरह के बंधनों को तोड़ रहे हैं।’ सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा कि जिस तरह आज हम सब के पास टैक्स में मदद करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं उसी तरह बहुत जल्द ही सभी के पास एक निजी डॉक्टर भी होगा। जो हमें स्वास्थ्य के क्षेत्र कई तरह से मदद करेगा। उन्होंने महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के नियंत्रक और डायरेक्टर डॉ. जीएन सक्सेना को सरकारी टेलीमेडिसिन समिति का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित भी किया। साथ ही कहा कि कोई भी व्यक्ति भी हमारे डेटा देख सकता है और हमें सुझाव-सलाह दे सकता है।
सम्मेलन में अमेरिका से आए व कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. के. मोइदु ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि डिजिटलाइजेशन के माध्यम से 2022 तक 104 मिलियन लोग स्किल्ड हो जाएंगे। साथ ही 2098 मिलियन लोगों को अभी की जरूरत के हिसाब से डोमेन में लगातार ट्रेनिंग की जरूरत है।
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