- - एसकेआईटी में नैनोइलेक्ट्रोनिक्स एवं कम्यूनिकेषन पर दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस शुरू
- - एक्सपट्र्स ने कहा, माइक्रो से नैनो की ओर जा रही तकनीक, 1000 गुना ज्यादा तेज होंगे परिणाम
- - एक्सपट्र्स ने कहा नो सेंसर, नो आॅटोमेशन। नैनो तकनीक से पसीने के सेंस से भी सकती है कई जांचे
- - वक्ताओं ने नैनो तकनीक पर आधारित हैरान करने वाले उपकरणो के बारे में स्टूडेंट्स को बताया
नैनो चिप शरीर के नापेगी सारे उतार-चढाव
मलेषिया से आए एक्सपट्र्स ने कहा कि एक एमएम के आकार की नैनो टेक्नोलाॅजी पर आधारित जैविक चिप को यदि शरीर में डाल दिया जाए तो यह सेंसर्स के माध्यम से शरीर के बीपी, शुगर, हार्ट बीट, तापमान, किडनी-लीवर फंक्षन आदि को माॅनिटर कर सकती है। यूएसए में वर्तमान में कई स्थानों पर इसका सफलता पूर्वक उपयोग किया जा रहा है। यह शरीर के लिए पूरी तरह सुरक्षित भी है, बषर्ते इसे इम्प्लांट करने से पूर्व इसका रिएक्षन शरीर के लिए जांच लिया जाए। यह चिप नगण्य पाॅवर, वोल्टेज एवं धारा पर काम करती है।
सांसो बताएंगी ग्लुकोज की मात्रा
एक्सपट्र्स ने बताया कि यूएसए में वर्तमान में इस तरह की नैनो टेक्नोलाॅजी पर आधारित मषीनो पर काम चल रहा है जो कि सिर्फ सांसो से ही शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बता देती है। इतना ही स्काई वेव प्रपोगेषन इस तरह से है कि व्यक्ति अपनी सांसो के सेंपल दूर बैठे व्यक्ति को भेज सकता है।
माइक्रो से नैनो की ओर तकनीक
वर्तमान में तकनीक माइक्रो से नैनो की ओर जा रही है। इससे परिणाम एवं सटीकता 1000 गुणा बढ जाएगी। 5 जी तकनीक भी इस नैनो का ही परिणाम है। उन्होंने नैनोतकनीक के माध्यम से ही सेंसर्स की प्रक्रिया बताई तथा कहा कि यदि सेंसर्स नहीं है तो आॅटोमेषन भी संभव नहीं है। इसके लिए वक्ताओं ने रोबोटिक्स तकनीक का उदाहरण दिया।
देश में जल्द ही मिलेंगी, अभी महंगी
एक्सपट्र्स ने कहा कि वर्तमान में भी नैनो तकनीक पर आधारित उपकरण उपलब्ध है परन्तु कुछ महंगे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिस तेजी से इनोवेषन चल रहा है उसके आधार पर कहा जा सकता है कि जल्द ही आमजन के लिए भी कम दरो पर उपलब्ध होगी।
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