भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ की व्यास पूजन परीक्षित मोक्ष के साथ पूर्णाहुति

उन्होंने बताया कि ठाकुर के पास जाने से बिना मांगे ही मिल जाता है। कभी भी घर आए मेहमान का अतिथियों एवं संतों का अनादर न करें। भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा की इतनी सेवा की, कि उनकी महिमा आज भी विश्व में कायम है। दो मुट्ठी चावल के बदले श्रीकृष्ण ने सुदामा की काया पलट दी। उन्होंने कहा जीवन स्पर्धा नहीं श्रद्धा का विषय है। असफलता मिलने पर हताश होने की जगह परमात्मा के सानिध्य में रहना चाहिए। वर्तमान युग में सच्ची एवं निस्वार्थ भाव से की गई मित्रता देखने को कम ही मिलती है। इस मौके पर परीक्षित मोक्ष कथा प्रसंग पर भी शास्त्री जी ने भाव पूर्वक प्रवचन किए। जिस पर उपस्थित श्रद्धालुओ ने भाव विभोर होकर नृत्य किया। कथा सम्मान पर प्रसाद वितरित किया गया।
आयोजन की कड़ी में गुरुवार से नानी बाई रो मायरो पर
श्री कृष्ण चरण अनुरागी श्रीनिवास शर्मा कोलकाता वाले अपने मुखारविंद से ब्रह्मभट्ट बगीची में दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक वाचन करेंगे। इसके बाद 11 जनवरी को रात्रि श्री श्याम जी का जागरण एवं 12 जनवरी को रुद्राभिषेक और पोष बड़ा भंडारे का आयोजन होगा
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