-गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में युवाओं ने लिया समाजसेवा का संकल्पजयपुर। प्रदेश के 15 जिलों से आए युवाओं ने शनिवार को गायत्री शक्तिपीठ में सकंल्प लिया कि अपना अध्ययन जारी रखने के साथ-साथ समाज की सेवा के लिए समय निकालेंंगे। ये युवा वंचित तबके को शिक्षित करने के लिए समय दान देंगे। पर्यावरण के संरक्षण के लिए पौधारोपण और नशे के खिलाफ आवाज उठाने के लिए भी युवा उठ खड़े होंगे।
अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से शनिवार को आयोजित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा- 2019 में शामिल होने के लिए प्रदेश के 15 जिलों के युवा एकत्र हुए थे।
महाविद्यालय स्तर की तृतीय और अंतिम चरण की परीक्षा ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में सुबह 9: 45 बजे से प्रारंभ हुई। लिखित परीक्षा, तार्किक योग्यता और आशु भाषण के अलावा कई अन्य चरणों में युवाओं ने भारतीय संस्कृति से जुड़े प्रश्नों का जवाब दिया।
भरतपुर की आरडी महिला महाविद्यालय ने प्रथम, जैसलमेर के जिला शिक्षण प्रशिक्षण केंद्र ने दूसरा तथा बूंदी के राजकीय महाविद्यालय की टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
गायत्री परिवार की ओर से तीनों टीमों को नकद राशि, ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और साहित्य भेंट कर पुरस्कृत किया गया।
पुरस्कार वितरण समारोह में डिवाइन इंडिया यूथ एसोसिएशन (दिया) की टीम ने नौजवानों उठो युग यह कह रहा खुद को बदलो जमाना बदल जाएगा....इंसान के ही काम न आए वह आदमी ही क्या...जैसे प्रज्ञागीतों के माध्यम से युवाओं में जोश जगाया।
मुख्य अतिथि समाजसेवी सोमकांत शर्मा, समाजसेविका डॉ. निमिषा गौड़ ने युवाओं को अपनी ऊर्जा को समाज हित में लगाने का आह्वान किया। सोमकांत शर्मा ने कहा कि युवा अगर ठान ले तो लहरों को भी बदल सकता है। आज का युवा नई उमंग से लबरेज है। उसे सही दिशा देने का कार्य गायत्री परिवार कर रहा है।
दीया राजस्थान के प्रभारी रमेश छंगाणी, गायत्री परिवार के वरिष्ठ प्रतिनिधि हर्ष मिश्रा और भक्तभूषण वर्मा, मीनाक्षी बधेल, गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक महेश शर्मा ने भी युवाओं का मार्गदर्शन किया।
इस अवसर पर दीया जयपुर के पृथ्वीनाथ, रामेश्वर सिंह राठौड़, डॉ. राजकुमार सतनकर, नीलम वर्मा, सुमन वर्मा, भगवती प्रसाद त्यागी, गायत्री तोमर, प्रेमा राठौड़, प्रीयांशु वर्मा ने आयोजन में सहयोग दिया।
प्रारंभ में वेदमाता गायत्री, गुरुसत्ता पं. श्रीराम शर्मा आचार्य, भगवती देवी शर्मा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर सद्बुद्धि प्रदाता गायत्री महामंत्र का सस्वर उच्चारण किया गया।
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