शिविर मुख्यत: 10 से 21 साल तक की बच्चियां-युवतियों के लिए है। लेकिन इससे अधिक उम्र की बहू-बेटियां भी भाग ले सकेंगी। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। डॉ. सीमा शर्मा और डॉ. शिविका श्रीवास्तव शिविर में किशोरियों से संवाद करेंगी।
शिविर में नारी की अद्भुत क्षमता से परिचय करवाया जाएगा, किशोरियों की शारीरिक, मानसिक समस्याओं का समाधान किया जाएगा। मानसिक एकाग्रता और पढ़ाई की तरफ रुझान कैसे बढ़ाएं, वेशभूषा की शालीनता, और खानपान, सेल्फ डिफेंस से कैसे करें आत्मरक्षा, लघु नाटक और नृत्य से किशोरियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
शिविर के कार्यक्रम
सुबह 10 बजे दीप प्रज्वलन के साथ शिविर का शुभारंभ होगा। साथ ही शिविर का उद्देश्य स्पष्ट किया जाएगा। 10:15 से 10:30 बजे तक नारी की अद्भुत क्षमता का परिचय, 10:30 से 11 तक योग का महत्व, 11 से 11:45 बजे तक स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ाने के उपाय, 11:45 से 12 तक आत्म रक्षा के उपाय, 12 से 12:10 बजे तक किशोरावस्था और आधुनिक जीवन शैली (वेशभूषा की शालीनता, खानपान पर प्रभाव) 12:15 से 12:30 तक स्वयंसेवी संस्था की छात्राओं की ओर से मूकाभिनय, 12:30 से 1 बजे तक किशोरियों की शारीरिक समस्याओं का समाधान(चर्चा-परिचर्चा) एक से सवा एक बजे तक संकल्प और विदाई।
शिविर प्रभारी साधना रावत ने बताया कि गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा ने साठ के दशक से ही कन्या को प्रशिक्षित करने, नारियों को आत्म निर्भर बनाने सहित नारी जागरण के विभिन्न पहलुओं पर कार्य प्रारंभ किया था। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज और राष्ट्र का उत्थान नारियों के विकास से ही संभव है। वर्तमान समय में व्याप्त कुरीतियों के उन्मूलन में नारी के सहयोग की अति आवश्यकता है।
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