- -प्रतिभागियों ने शास्त्रीय संगीत के सुर साधे, वर्कशॉप में सीखी गायकी की बारीकी
- - म्यूजिक डायरेक्टर दिलीप सेन और सिंगर सारिका सिंह की रहेगी मौजूदगी
शनिवार प्रात: जूनियर व सीनियर वर्ग की क्लासिकल म्यूजिक की प्रतियोगिता हुई। विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों ने रागों के सुरों की पकड़ और सुर लगाव की खूबसूरती से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों ने छोटा ख्याल, धु्रवपद के सुर भी साधे। सुर संगम संस्थान के डायरेक्टर केसी मालू ने बताया कि तीन दिवसीय राष्ट्रीय युवा समारोह के आखिरी दिन 22 दिसम्बर, रविवार को मेगा कॉन्टेस्ट होगा। इस मौके पर बॉलीवुड के मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर दिलीप सेन और सिंगर सारिका सिंह खासतौर से मौजूद रहेंगे।
वर्कशॉप में दिए सही गायकी के टिप्स
संस्थान के सचिव मुकेश अग्रवाल ने बताया कि अपराह्न 3 बजे केन्द्र के कृष्णायन सभागार वरिष्ठ कलाकार डॉ.चेतना पाठक ने शास्त्रीय संगीत के सुरों के खूबसूरत लगाव की टेक्निक से रूबरू कराया। वहीं संगीत गुरु पं.भवदीप जयपुरवाले गायन में ब्रीथ कंट्रोल का सही तरीका समझाया। इसी वर्कशॉप में वरिष्ठ कलाकार डॉ. संगीता पंडित पूरब अंग की गायिकी के टिप्स दिए। संगीत गुरु पं.विजय शंकर संगीत में लय और ताल की बारीकी बताई।
इस दिन शाम को जेकेके के रंगायन सभागार में संजोयी संगीत सभा में वरिष्ठ कलाकार चेतना पाठक ने शास्त्रीय संगीत और संगीता पंडित ने उपशास्त्रीय की शैलियों का मंचीय प्रदर्शन किया। इन वरिष्ठ कलाकारों की प्रस्तुतियों ने बड़ी तादाद में मौजूद श्रोताओं के अंतर्मन को छू लिया।
किराना और बनारस घराने की बिखरी खूशबू
पद्मभूषण प्रभा अत्रे की शिष्य कलाकार चेतना पाठक ने अपने गायन से किराना घराने की खुशबू बिखेरी। उन्होंने राग रागेश्री के सुर साधे। संगीत नाटक आकदमी के युवा पुरस्कार से नवाजीं गई इस कलाकार ने उन्होंने तीन बंदिशों को नजाकत से पेश कर अपने रियाज और तैयारी पक्ष का बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने विलंबित लय एक ताल में निबद्ध राग रागेश्री की बंदिश गिनत रही तारे..., छोटा ख्याल पिया घरवा ना आए मोरे... की प्रस्तुति में कण स्वर, सुर लगाव और पकड़ का उम्दा प्रदर्शन कर माहौल में शास्त्रीय सुरों का सुरूर घोल दिया। आकाशवाणी से ए ग्रेड कलाकार चेतना पाठक ने अद्धा ताल में निबद्ध मिश्र खमाज में ठुमरी की बंदिश ओ रसिया जिया लागे ना... को सुरों की सूक्ष्मता से पेश कर प्रशंसा पाई।
कार्यक्रम में बनारस घराने की वरिष्ठ कलाकार संगीता पंडित ने उपशास्त्रीय संगीत की विभिन्न शैलियों में सुर, लय और ताल की खूबसूरत बानगी के साथ रसीला प्रदर्शन किया। पं.सुरेन्द्र मोहन मिश्र मोहन की इस शिष्य कलाकार ने पूरब अंग का पांडित्यपूर्ण प्रदर्शन कर श्रोताओं को आह्लादित किया। उन्होंने पूरब अंग में ठुमरी, चेती, दारदा और 12 मात्रा को बंदिशों को नाजोअदा पेश कर माहौल को बनारसी रंग में रंग दिया। आकाशवाणी से बी हाई ग्रेड की कलाकार ने जत ताल में निबद्ध राग पीलू में पिरोई ठुमरी की रचना तुम राधे बनो श्याम..., राग किरवानी में ढली दादरा की बंदिश तड़पे जिया बिन बालम..., चेती की बंदिश मोतिया हिराए गईल रामा... के बाद 12 मात्रा की रचना लइना जा मैं तोसे ना ही बोले...को पूरे मनोयोग से पेश की। फिर उन्होंने राग भैरवी में भजन जा मैं तोसे ना ही बोलूं... की दिलकश प्रस्तुति से अपने कार्यक्रम को विराम दिया। तबले पर बनारस घराने के अभिनव नारायण आचार्य और हारमोनियम पर पंकज शर्मा और पंकज श्रीनाथन ने प्रभावी संगति की।
इन अवॉर्ड्स का रहेगा खास आकर्षण
इस बार संगीत प्रतियोगिता के विनर्स के लिए दो अवॉर्ड घोषित किए गए हैं। इनमें जनमंगल ट्रस्ट की ओर से 1 लाख रुपए का मिलाप कोठारी स्मृति अवॉर्ड और सृजन द स्पॉर्क की ओर से 51 हजार रुपए का 51 हजार रुपए का बॉलीवुड संगीतकार रवीन्द्र जैन स्मृति अवॉर्ड प्रदान किया जाएगा। यह दोनों अवॉर्ड हर साल दिए जाएंगे। इसके अलावा 5-5 हजार रुपए के भी कई अवॉर्ड विनर्स को दिए जाएंगे। तीन दिवसीय राष्ट्रीय युवा समारोह में 22 दिसम्बर, रविवार को प्रात: 10.30 बजे जेकेके के रंगायन सभागार में मेगा कॉन्टेस्ट होगा।
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