जयपुर। जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार कुलपति और छात्रों के बीच 'सीधा संवाद' बुधवार को हुआ। कुलपति के समक्ष छात्र-छात्राओं द्वारा जो शिकायतें मिलीं, उन्हें तुरंत दूर करने के प्रयास शुरू किए गए हैं। विभिन्न विभागों के छात्रों से चार दिनों तक चलने वाले 'सीधा संवाद' कार्यक्रम में बुधवार को कुलपति डॉ. अनुला मौर्य वेद, व्याकरण एवं ज्योतिष विभाग के छात्र-छात्राओं से रूबरू हुईं। कुलपति ने विद्यार्थियों द्वारा उठाए गए सवालों को गंभीरता से सुना और उनके निदान के लिए सम्बद्ध विभागों को त्वरित निर्देश जारी किए।
विद्यार्थियों ने कुलपति से खुलकर बात की, जिसमें विश्वविद्यालय तक पहुंचने के लिया यातायात साधनों की कमी मुख्य रही। कुलपति डॉ. अनुला मौर्य ने कहा कि विद्यार्थी विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है। उनकी समस्याओं का समाधान प्रशासन का कर्त्तव्य है। शास्त्रों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय गंभीरता से काम कर रहा है। आधुनिक विषयों के साथ शास्त्रों के अध्ययन को आगे बढ़ाया जा रहा है। खेल, कंप्यूटर सहित आधुनिक विषयों से संस्कृत को जोड़कर अध्ययन की ठोस योजना बनाई गई है। कुलपति ने यह भी कहा कि विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के पदस्थापन के प्रयास किए जा रहे हैं। संवाद समाप्ति के तुरंत बाद कुलपति ने अधिकारियों की बैठक लेकर छात्रों की समस्याओं के तुरंत समाधान के निर्देश जारी किए।
गुरुवार को कुलपति डॉ. अनुला मौर्य की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक की जाएगी।
विद्यार्थियों ने कुलपति से खुलकर बात की, जिसमें विश्वविद्यालय तक पहुंचने के लिया यातायात साधनों की कमी मुख्य रही। कुलपति डॉ. अनुला मौर्य ने कहा कि विद्यार्थी विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है। उनकी समस्याओं का समाधान प्रशासन का कर्त्तव्य है। शास्त्रों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय गंभीरता से काम कर रहा है। आधुनिक विषयों के साथ शास्त्रों के अध्ययन को आगे बढ़ाया जा रहा है। खेल, कंप्यूटर सहित आधुनिक विषयों से संस्कृत को जोड़कर अध्ययन की ठोस योजना बनाई गई है। कुलपति ने यह भी कहा कि विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के पदस्थापन के प्रयास किए जा रहे हैं। संवाद समाप्ति के तुरंत बाद कुलपति ने अधिकारियों की बैठक लेकर छात्रों की समस्याओं के तुरंत समाधान के निर्देश जारी किए।
गुरुवार को कुलपति डॉ. अनुला मौर्य की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक की जाएगी।
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