संगीत आश्रम संस्थान का म्यूजिक विद् नेचर कार्यक्रमजयपुर, 10 नवम्बर। शहर के कलाकार हरबंस ग्रेवाल ने प्रात:कालीन रागों के सुरीले सुरों से शृंगार कर सुबह की आबोहवा को खुशनुमा बना दिया। मौका था रविवार को शास्त्रीनगर स्थित संगीत आश्रम संस्थान के म्यूजिक विद् नेचर के तहत संस्थान सभागार में संजोई प्रात:कालीन राग-रागनियों की शास्त्रीय सभा का। कलाकार हरबंस ग्रेवाल ने अपनी तैयारी पक्ष और रियाज के उम्दा तालमेल से राग भूपाली तोड़ी, राग बिलासखानी तोड़ी और नट भैरव के सुरों की लयबद्ध सजावट से संगीतरसिकों को आनंदित किया।
मांगन मांगत आओ दर तोरे...
कार्यक्रम की शुरुआत ग्रेवाल ने राग भूपाली तोड़ी की प्रस्तुति से की। इसमें उन्होंने एक ताल अति विलंबित लय में निबद्ध इसी राग के बड़ा ख्याल की बंदिश मांगन मांगत आओ दर तोरे...को सुरों के खूबसूरत लगाव से पेश किया। इसके बाद राग बिलासखानी की तीन ताल मध्यलय में निबद्ध बंदिश जा-जा रे बलमा...को सुरों की सूक्ष्मता से से प्रस्तुति कर श्रोताओं को दिलों को छू लिया। इसके बाद कलाकार हरबंस ग्रेवाल ने राग नट भैरव की की बंदिश मांई मोरे नैना को तन्मयता से पेश कर अपनी तैयार पक्ष से रूबरू कराया। अंत में इस कलाकार ने राग भैरव में पिरोई ठुमरी की बंदिश कब आओगे तुम मोरा तुम बिन जिया बहुत उदास...की प्रस्तुति में सुरों के ठहराव का खूबसूरत प्रदर्शन कर माहौल में संगीत का सुरूर घोल दिया। तबले पर वरिष्ठ कलाकार महेन्द्र शंकर डांगी, हारमोनियम पर शेर खान और तानपूरे पर तुषिता ङ्क्षसह ने प्रभावी संगीत कर कार्यक्रम में रौनक भरी। संचालन बीना अनुपम ने किया। अंत में संगीत संस्थान आश्रम के अमित अनुपम ने सभी आगन्तुकों का आभार जताया।
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