जयपुर, 14 नवम्बर। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में गुरूवार को शासन सचिवालय में खरीफ समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली खरीद के संबंध में नेफेड नई दिल्ली के प्रबन्ध संचालक के साथ विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई।
मुख्य सचिव गुप्ता ने कहा कि समर्थन मूल्य पर हो रही खरीद में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और समय पर भुगतान हो, इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने अधिकारियों से खरीद व्यवस्था की पूरी जानकारी ली और समन्वय से कार्य करते हुए बेहतर तरीके से खरीद पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने नेफेड से राज्य में फसल कटाई के समय बरसात होने के कारण मूंग की गुणवता मानकों में छूट देने, खरीद केन्द्रों से गोदामों की दूरी में शिथिलता प्रदान करने और समय पर किसानों को भुगतान करने का आग्रह किया।
नेफेड के प्रबन्ध संचालक संजीव कुमार चड्ढ़ा ने बताया कि केन्द्रीय कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय मूंग की औसत गुणवत्ता मानदंडों में शिथिलता प्रदान करने पर विचार कर रहा है। खरीद केन्द्रों से गोदामों की दूरी के संबंध में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए पिछले साल की तरह शिथिलता देने का निर्णय लिया गया है जिसकी पृथक से अनुमति भिजवा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ‘ऑनलाइन वेयरहाउस रिसिप्ट’ सेवा शुरू होने से राजफेड को राशि जारी करने में अनावश्यक देरी नहीं होगी जिससे किसानों का भुगतान समय पर हो सकेगा।
नेफेड के प्रबन्ध संचालक चड्ढ़ा ने कहा कि राज्य में लहसुन की अच्छी पैदावार को देखते हुए प्रोसेसिंग यूनिट लगाना काफी फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि यदि राजफेड यह यूनिट लगाती है तो आधा खर्च केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण विभाग वहन कर सकता है।
बैठक में राजस्थान स्टेट वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पवन कुमार गोयल, सहकारिता एवं कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार, सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार डॉ. नीरज कुमार पवन, कृषि विभाग के आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश एवं राजफेड प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव गुप्ता ने कहा कि समर्थन मूल्य पर हो रही खरीद में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े और समय पर भुगतान हो, इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने अधिकारियों से खरीद व्यवस्था की पूरी जानकारी ली और समन्वय से कार्य करते हुए बेहतर तरीके से खरीद पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने नेफेड से राज्य में फसल कटाई के समय बरसात होने के कारण मूंग की गुणवता मानकों में छूट देने, खरीद केन्द्रों से गोदामों की दूरी में शिथिलता प्रदान करने और समय पर किसानों को भुगतान करने का आग्रह किया।
नेफेड के प्रबन्ध संचालक संजीव कुमार चड्ढ़ा ने बताया कि केन्द्रीय कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय मूंग की औसत गुणवत्ता मानदंडों में शिथिलता प्रदान करने पर विचार कर रहा है। खरीद केन्द्रों से गोदामों की दूरी के संबंध में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए पिछले साल की तरह शिथिलता देने का निर्णय लिया गया है जिसकी पृथक से अनुमति भिजवा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ‘ऑनलाइन वेयरहाउस रिसिप्ट’ सेवा शुरू होने से राजफेड को राशि जारी करने में अनावश्यक देरी नहीं होगी जिससे किसानों का भुगतान समय पर हो सकेगा।
नेफेड के प्रबन्ध संचालक चड्ढ़ा ने कहा कि राज्य में लहसुन की अच्छी पैदावार को देखते हुए प्रोसेसिंग यूनिट लगाना काफी फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि यदि राजफेड यह यूनिट लगाती है तो आधा खर्च केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण विभाग वहन कर सकता है।
बैठक में राजस्थान स्टेट वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पवन कुमार गोयल, सहकारिता एवं कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार, सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार डॉ. नीरज कुमार पवन, कृषि विभाग के आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश एवं राजफेड प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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