जयपुर, 07 सितम्बर। जयपुर विकास आयुक्त टी. रविकांत ने सभी जोन उपायुक्तों को निर्देष दिए कि पट्टा जारी करने एवं नाम हस्तांतरण आदि प्रकरणों के प्राप्त आवेदनों में अनावश्यक दस्तावेज मांगने एवं अनावश्यक टिप्पणी करने वाले कार्मिकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
जेडीसी ने शनिवार को जेडीए में पट्टा जारी करने एवं नाम हस्तांतरण के ऑनलाईन एवं ऑफलाईन प्राप्त आवेदनों आदि प्रकरणों की जोनवार समीक्षा करते हुए निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि प्राप्त प्रकरणों में पारदर्षिता, आमजन की सुविधार्थ एवं समय पर निस्तारण तथा लोगों की समस्याओं का किस तरह तत्परता से समाधान हो, इसलिए आवष्यक दस्तावेजों में सरलीकरण किया गया है।
उन्होंने सभी जोन उपायुक्तों को निर्देष दिए कि आम जनता से जुडे प्रकरणों के निस्तारण में किसी तरह की कोताही को बर्दाष्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने उपायुक्त पीआरएन को लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर दो दिन में पेन्डेंसी जीरो करने के निर्देष दिए।
उन्होंने ऑनलाईन आवेदनों के तहत आवेदनकर्ता से मांग जाने वाले एवं प्रत्युत्तर के लिए ई-मित्र केंद्रां को जोडने पर जोर देते हुए निर्देष दिए कि आवेदकों से मांगी जाने वाली किसी भी तरह की सूचना स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनेक बार यह देखने में आया है कि जोन में विभिन्न कार्मिकों के पास पत्रावली अत्यधिक दिनों तक पेंडिग रहती है, ऐसा आगे नहीं हो, इसके लिए जोन उपायुक्तों द्वारा नियमित रूप से मॉनिटरिंग करना सुनिष्चत करें।
बैठक में सचिव अर्चना सिंह, संयुक्त आयुक्त गिरिराज अग्रवाल, अतिरिक्त आयुक्त प्रशासन गिरीश पाराशर, सभी जोन उपायुक्त सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।
जेडीसी ने शनिवार को जेडीए में पट्टा जारी करने एवं नाम हस्तांतरण के ऑनलाईन एवं ऑफलाईन प्राप्त आवेदनों आदि प्रकरणों की जोनवार समीक्षा करते हुए निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि प्राप्त प्रकरणों में पारदर्षिता, आमजन की सुविधार्थ एवं समय पर निस्तारण तथा लोगों की समस्याओं का किस तरह तत्परता से समाधान हो, इसलिए आवष्यक दस्तावेजों में सरलीकरण किया गया है।
उन्होंने सभी जोन उपायुक्तों को निर्देष दिए कि आम जनता से जुडे प्रकरणों के निस्तारण में किसी तरह की कोताही को बर्दाष्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने उपायुक्त पीआरएन को लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर दो दिन में पेन्डेंसी जीरो करने के निर्देष दिए।
उन्होंने ऑनलाईन आवेदनों के तहत आवेदनकर्ता से मांग जाने वाले एवं प्रत्युत्तर के लिए ई-मित्र केंद्रां को जोडने पर जोर देते हुए निर्देष दिए कि आवेदकों से मांगी जाने वाली किसी भी तरह की सूचना स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनेक बार यह देखने में आया है कि जोन में विभिन्न कार्मिकों के पास पत्रावली अत्यधिक दिनों तक पेंडिग रहती है, ऐसा आगे नहीं हो, इसके लिए जोन उपायुक्तों द्वारा नियमित रूप से मॉनिटरिंग करना सुनिष्चत करें।
बैठक में सचिव अर्चना सिंह, संयुक्त आयुक्त गिरिराज अग्रवाल, अतिरिक्त आयुक्त प्रशासन गिरीश पाराशर, सभी जोन उपायुक्त सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।
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