जयपुर, 12 अगस्त। मानसरोवर के वरुण पथ स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में चल रहे मुनि विश्वास सागर एवं मुनि विभंजन सागर महाराज के मंगल वर्षायोग के अंतर्गत सोमवार को आयोजित धर्मसभा में मुनि विभंजन सागर महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि " जो व्यक्ति किसी का विश्वास या भरोसा नही जीत सकता है वह किसी काबिल नही होता, क्योकि किसी पर भरोसा जितने के लिए स्वयं पर भरोसा होना चाहिए विश्वास होना चाहिए। जो व्यक्ति स्वयं पर विश्वास रख कर आगे बढ़ता है वही व्यक्ति दूसरों का भरोसा जीत सकता है उन पर अपना विश्वास कायम कर सकता है। "
मुनि विभंजन सागर ने कहा कि " आज का प्राणी आगे तो बढ़ना चाहता है किन्तु किसी को अपने साथ जोड़ना नही चाहता, यही कारण है कि वह पिछड़ता जाता है। आगे बढ़ने के लिए अन्य का साथ होना जरूरी है। कोई भी कार्य हो, कैसा भी कार्य हो सबसे जरूरत शब्द की आवश्यकता रहती है। " जरूरत " होने को बहुत छोटा शब्द है लेकिन इसका कार्य बहुत बड़ा है। इसकी महत्त्वता को जानो और समझो, जिंदगी स्वर जाएगी। एकमात्र ये ऐसा शब्द है जिसने इसकी कद्र कर ली, जीवन ने उसकी कद्र की है। यह तभी सम्भव होगा जब प्राणी स्वयं पर विश्वास कर दुसरो का भरोसा जीत लेता है। तब यह जरूरत शब्द प्राणी के काम आता है। इसलिए जीवन और जरूरत की महत्त्वता को समझते हुए, स्वयं पर विश्वास कर दूसरों का भरोसा जितना कि दिशा में सदैव आगे बढ़ना चाहिए।
कोषाध्यक्ष कैलाश सेठी ने कहा कि मुनि विश्वास सागर और मुनि विभंजन सागर महाराज के मुखारविंद प्रातः 7 बजे श्रीजी के कलशाभिषेक के साथ व्रहद्र शांतिधारा का होता है और प्रातः 8.15 बजे मन्दिर प्रांगण के आचार्य विद्या सागर सभागार में धर्मसभा का आयोजन होता है। गुरुवार 15 अगस्त को मुनि संघ सानिध्य में रक्षाबंधन (रक्षासूत्र) पर्व एवं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विशेष आयोजन होगा। गुरुवार को मुनि संघ देश के नाम एक संदेश अपने प्रवचनों के माध्यम से देंगे।
मुनि विभंजन सागर ने कहा कि " आज का प्राणी आगे तो बढ़ना चाहता है किन्तु किसी को अपने साथ जोड़ना नही चाहता, यही कारण है कि वह पिछड़ता जाता है। आगे बढ़ने के लिए अन्य का साथ होना जरूरी है। कोई भी कार्य हो, कैसा भी कार्य हो सबसे जरूरत शब्द की आवश्यकता रहती है। " जरूरत " होने को बहुत छोटा शब्द है लेकिन इसका कार्य बहुत बड़ा है। इसकी महत्त्वता को जानो और समझो, जिंदगी स्वर जाएगी। एकमात्र ये ऐसा शब्द है जिसने इसकी कद्र कर ली, जीवन ने उसकी कद्र की है। यह तभी सम्भव होगा जब प्राणी स्वयं पर विश्वास कर दुसरो का भरोसा जीत लेता है। तब यह जरूरत शब्द प्राणी के काम आता है। इसलिए जीवन और जरूरत की महत्त्वता को समझते हुए, स्वयं पर विश्वास कर दूसरों का भरोसा जितना कि दिशा में सदैव आगे बढ़ना चाहिए।
कोषाध्यक्ष कैलाश सेठी ने कहा कि मुनि विश्वास सागर और मुनि विभंजन सागर महाराज के मुखारविंद प्रातः 7 बजे श्रीजी के कलशाभिषेक के साथ व्रहद्र शांतिधारा का होता है और प्रातः 8.15 बजे मन्दिर प्रांगण के आचार्य विद्या सागर सभागार में धर्मसभा का आयोजन होता है। गुरुवार 15 अगस्त को मुनि संघ सानिध्य में रक्षाबंधन (रक्षासूत्र) पर्व एवं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विशेष आयोजन होगा। गुरुवार को मुनि संघ देश के नाम एक संदेश अपने प्रवचनों के माध्यम से देंगे।
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