3 लाख 50 हजार 900 किसानों को मिला लाभ
ऑनलाइन खरीद से एक ही सीजन में सरसों की रिकार्ड खरीद

गत सीजन की तुलना में 1.16 लाख अतिरिक्त किसानों को मिला लाभ
आंजना ने बताया कि 29 जून को संपन्न हुई खरीद से 2लाख 86 हजार 895 किसानों से 6 लाख 8 हजार 571 मीट्रिक टन सरसों की रिकार्ड खरीद की गई हैं, जिसकी राशि 2 हजार 556 करोड़ रूपये हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में 1 लाख 70 हजार 871किसानों से मात्र 4.71 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद हुई थी जिसकी राशि मात्र 1 हजार 886 करोड़ रूपये थी। इस प्रकार गत सीजन की तुलना में 670 करोड़ रूपये की अधिक सरसों की खरीद हुई है तथा गत सीजन की तुलना में 1 लाख 16 हजार 24 अधिक किसानों से 1.37लाख मीट्रिक टन अधिक सरसों खरीदी गई।
पंजीकृत सभी किसानों को उपज बेचान की तिथि आवंटित
प्रमुख शासन सचिव, अभय कुमार ने बताया कि खरीद में पहली बार बायोमैट्रिक सत्यापन एवं एक ही मोबाइल पर एक फसल का पंजीकरण किसानों के हित में प्रारम्भ किया हैं। यह पहली बार हुआ कि सरसों, चना एवं गेहूं के लिये जिस किसी भी काश्तकार ने उपज बेचने के लिए पंजीकरण कराया था। उन सभी को उपज बेचान की तिथि आवंटित की गई।तहसीलवार पंजीकरण से किसानों को मिला फायदा
राजफैड़ के प्रबंध निदेशक, ज्ञानाराम ने बताया कि राजफैड़ के स्तर से तहसीलवार किसानों को फायदा देने के लिये पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई, जिसके कारण एक ओर स्थानीय किसानों को फायदा मिला वही दूसरी ओर सुगम रूप से सरसों की रिकार्ड खरीद संभव हो पाई। उन्होंने बताया कि बारदाने की किसी प्रकार से समस्या खरीद के दौरान नहीं आई। उन्होंने बताया कि बारदाने को लेकर खरीद केन्द्रों के विशेष मॉनिटंरिग की गई और किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए 10 दिन का अतिरिक्त बारदाना रिजर्व में रखा गया।7.70 लाख मीट्रिक टन उपज की हुई खरीद
ज्ञानाराम ने बताया कि सरसों, चना एवं गेहूं की कुल 7.70लाख मीट्रिक टन उपज खरीदी गई। जिसकी राशि 3188 करोड़ रूपये है। उन्होंने बताया कि किसानों को भुगतान की प्रक्रिया जारी है तथा 2053करोड रूपये का भुगतान 2 लाख 29 हजार 845 किसानों का किया जा चुका है तथा शेष किसानों को जैसे-जैसे नैफेड़ से राशि प्राप्त हो रही है वैसे ही किसानों को भुगतान किया जा रहा है।
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