जयपुर 12 जून । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य में बालश्रम न हो और इस दिशा में स्वयंसेवी संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
गहलोत गहलोत आज मुख्यमंत्री निवास पर अंतरराष्ट्रीय बालश्रम निषेध दिवस के अवसर पर बाल श्रम से मुक्त होकर शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाल श्रम की समस्या का समाधान सबके सहयोग से ही सम्भव है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा और आगे बढ़ने के अच्छे अवसर मिले ताकि हमारे प्रदेश का भविष्य बेहतर बने। उन्होंने कहा कि इसी भावना से मैंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल में संदेश दिया था कि पानी बचाओ, बिजली बचाओ और सबको पढ़ाओ।
गहलोत ने इस अवसर पर अपना बाल विवाह रुकवाकर शिक्षा प्राप्त करने वाली बालिकाओं प्रीति वर्मा, शमा परवीन, गायत्री महावर, सुनीता सैनी, सविता राजवंशी एवं सोना बैरवा को पिंकसिटी साइकिल रिक्शा चालक संस्था की ओर से सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने बाल श्रम से मुक्त होकर शिक्षा ग्रहण कर रही खुशबू, कल्याणी एवं तनु को भी पुरुस्कृत किया।
उन्होंने बाल विशेषज्ञ गोविंद बेनीवाल की पुस्तक ‘शोषण से शिक्षा की ओर बढ़ते कदम‘ का विमोचन किया एवं पिंकसिटी साइकिल रिक्शा चालक संस्था के बालश्रम मुक्त राजस्थान अभियान के पोस्टर पर हस्ताक्षर कर अभियान का शुभारम्भ किया। संस्था के सचिव विपिन तिवाड़ी ने बताया कि दो अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान में करीब 10 लाख लोगों के हस्ताक्षर करवाए जाएंगे। इस अवसर पर विधायक महादेव सिंह खंडेला एवं पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया भी उपस्थित थे।
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