जयपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ अभियान के अन्तर्गत आगामी दो जून को जयपुर जिले में 1008 स्थानों पर होने वाले गायत्री यज्ञ की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में यज्ञ में प्रयुक्त सभी सामग्री के किट तैयार किए जा रहे हैं। कार्यकर्ता इस किट के माध्यम से यज्ञ करवाएंगे। इसकी व्यवस्था इसलिए की है ताकि यजमान को कोई भी सामान बाजार से नहीं लाना पड़़े। जो लोग स्वयं यज्ञ करना जानते हैं वे भी इस किट के माध्यम से यज्ञ कर सकते हैं। वहीं सांगानेर के मथुरावाला गांव में विभा अग्रवाल के निर्देशन में गाय के गोबर से समिधा और ऊर्जा दीपक बनाने का काम परवान पर है। गांव की महिलाएं बढ़-चढ़ कर समिधा तैयार कर रही है।
यज्ञ की हवन सामग्री में जौ, तिल, चावल, इलायची, कपूर, अगर, तगर सहित समान्य औषधियों के अलावा विशिष्ट जड़ी-बूटियां भी होंगी। जो जीका वायरस, इबोला, निपाह, स्वाइन फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया के वायरस खत्म करने की सामथ्र्य रखती है। इन सामग्रियों से नियमित हवन करने से बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। यज्ञ में आम की लकड़ी का उपयोग किया जाएगा। उससे एथलीन ऑक्साइड गैस निकलती है। उसके साथ कोपाइल गैस भी निकलती है जिनका रिएक्शन बाहर के एटमॉस्फियर को खत्म कर देता है। हवन में लकड़ी के बजाय देसी गाय के गोबर की समिधा का राजधानी में पहली बार प्रयोग होगा। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्र्य के महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष्य में यह आयोजन एक साथ पूरे देश में एक की दिन एक ही समय होगा। पूरे देश में एक साथ 2.40 लाख घरों में गायत्री यज्ञ किया जाएगा। गायत्री परिवार राजस्थान जोन प्रभारी अम्बिका प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ और विभिन्न चेतना केन्द्रों पर निशुल्क पंजीयन कराया जा सकता है। प्रत्येक गायत्री चेतना केन्द्रों को 108 स्थानों पर यज्ञ करवाने का लक्ष्य दिया गया है। चेतना केन्द्रों के अलावा महिला मंडल, युवा मंडल, प्रज्ञा मंडल, दिव्य भारत संस्थान के कार्यकर्ताओं को भी अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। तहसील स्तर पर भी 108 यज्ञ होंगे। यज्ञ करवाने के लिए कार्यकर्ताओं का पिछले दिनों प्रशिक्षण भी दिया गया। यज्ञ निशुल्क होगा। जिला संयोजक रणवीर चौधरी ने बताया कि एक ही दिन में एक ही समय इतनी बड़ी संख्या मेें यज्ञ होने के सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे। सत्प्रवृति संवर्धन-दुष्प्रवृति उन्मूलन, विश्व शांति की कामना से यज्ञ का आयोजन होगा।
यज्ञ की हवन सामग्री में जौ, तिल, चावल, इलायची, कपूर, अगर, तगर सहित समान्य औषधियों के अलावा विशिष्ट जड़ी-बूटियां भी होंगी। जो जीका वायरस, इबोला, निपाह, स्वाइन फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया के वायरस खत्म करने की सामथ्र्य रखती है। इन सामग्रियों से नियमित हवन करने से बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। यज्ञ में आम की लकड़ी का उपयोग किया जाएगा। उससे एथलीन ऑक्साइड गैस निकलती है। उसके साथ कोपाइल गैस भी निकलती है जिनका रिएक्शन बाहर के एटमॉस्फियर को खत्म कर देता है। हवन में लकड़ी के बजाय देसी गाय के गोबर की समिधा का राजधानी में पहली बार प्रयोग होगा। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्र्य के महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष्य में यह आयोजन एक साथ पूरे देश में एक की दिन एक ही समय होगा। पूरे देश में एक साथ 2.40 लाख घरों में गायत्री यज्ञ किया जाएगा। गायत्री परिवार राजस्थान जोन प्रभारी अम्बिका प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ और विभिन्न चेतना केन्द्रों पर निशुल्क पंजीयन कराया जा सकता है। प्रत्येक गायत्री चेतना केन्द्रों को 108 स्थानों पर यज्ञ करवाने का लक्ष्य दिया गया है। चेतना केन्द्रों के अलावा महिला मंडल, युवा मंडल, प्रज्ञा मंडल, दिव्य भारत संस्थान के कार्यकर्ताओं को भी अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। तहसील स्तर पर भी 108 यज्ञ होंगे। यज्ञ करवाने के लिए कार्यकर्ताओं का पिछले दिनों प्रशिक्षण भी दिया गया। यज्ञ निशुल्क होगा। जिला संयोजक रणवीर चौधरी ने बताया कि एक ही दिन में एक ही समय इतनी बड़ी संख्या मेें यज्ञ होने के सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे। सत्प्रवृति संवर्धन-दुष्प्रवृति उन्मूलन, विश्व शांति की कामना से यज्ञ का आयोजन होगा।
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