जयपुर । सोनी चैनल में आने वाले प्रोग्राम सुपर स्टार सिंगर में सीतापुरा जयपुर की 12 वर्षीया बालिका आकांक्षा राव ने फ़ाइनल ऑडिशन में पहुंचकर सम्पूर्ण राजस्थान का गौरव बढ़ाया है और मुम्बई फ़िल्म सिटी गोरेगांव में हुए राउंड में आकांक्षा ने जिया बेकरार है छाई बहार है आजा मोरे बालमा तेरा इंतज़ार है .... जब गाया तो अल्का याग्निक, हिमेश रेशमिया और जावेद ने खूब तारीफ की और विशेष
आशीर्वाद दिया ।
सेवा भारती के जयपुर महानगर प्रचार प्रमुख एवम् वर्ल्ड टैलेंट ऑर्गनाइजेशन के सचिव जगदीश ए.पंचारिया ने बताया कि लगभग तीन महीने पहले जयपुर में हुए ऑडिशन में राजस्थान से सैंकड़ों बच्चों ने ऑडिशन दिया और दोनों राउंड्स में जगह बनाकर आकांक्षा सलेक्ट हुई और उसके पन्द्रह दिन बाद दिल्ली में हुए ऑडिशन के दो राउंड में भी सलेक्ट हुई और उसके बाद मुम्बई में तीनों ऑडिशंस के राउंड्स में सफल होने के बाद फ़ाइनल में पहुंची । जगदीश ए.पंचारिया ने बताया कि आकांक्षा के पांच साल की उम्र में हीं पिता का स्वर्गवास होने के कारण यह परिवार ननिहाल में ही नानी के घर पर रह रहा है और इस परिवार ने आर्थिक संकट काल और विपरीत परिस्थितियों में कड़ा संघर्ष होने के बाद भी संगीत क्षेत्र में पकड़ बनाई है आकांक्षा के एक 10 वर्षीया बहन वर्षा है वो भी क्लासिकल गायिका है और एक सात वर्षीय भाई सिद्धार्थ है जो तबला वादक है तीनों की संगत जब मंच पर होती है तो समां बंध जाता है आकांक्षा की मम्मी चन्द्रकला की संगीत के प्रति अटूट आस्था और मामा राजेन्द्र कुमार का समय समर्पण और मामा चौथमल के म्यूजिक टीचर होने के कारण शुरू से ही इन्हें क्लासिकल संगीत का वातावरण मिला जो अब वरदान साबित हो रहा है । आकांक्षा को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक गतिविधियों से जुड़े समाजसेवी जगदीश ए.पंचारिया पिछले कई महीनों से लगे हुए हैं जो एक अनूठा प्रयास है । इस शो में राजस्थान के बाड़मेर जिले के सूआला गाँव के थानु खां ने भी शानदार प्रस्तुति देकर फ़ाइनल में जगह बनाई है ।
आशीर्वाद दिया ।
सेवा भारती के जयपुर महानगर प्रचार प्रमुख एवम् वर्ल्ड टैलेंट ऑर्गनाइजेशन के सचिव जगदीश ए.पंचारिया ने बताया कि लगभग तीन महीने पहले जयपुर में हुए ऑडिशन में राजस्थान से सैंकड़ों बच्चों ने ऑडिशन दिया और दोनों राउंड्स में जगह बनाकर आकांक्षा सलेक्ट हुई और उसके पन्द्रह दिन बाद दिल्ली में हुए ऑडिशन के दो राउंड में भी सलेक्ट हुई और उसके बाद मुम्बई में तीनों ऑडिशंस के राउंड्स में सफल होने के बाद फ़ाइनल में पहुंची । जगदीश ए.पंचारिया ने बताया कि आकांक्षा के पांच साल की उम्र में हीं पिता का स्वर्गवास होने के कारण यह परिवार ननिहाल में ही नानी के घर पर रह रहा है और इस परिवार ने आर्थिक संकट काल और विपरीत परिस्थितियों में कड़ा संघर्ष होने के बाद भी संगीत क्षेत्र में पकड़ बनाई है आकांक्षा के एक 10 वर्षीया बहन वर्षा है वो भी क्लासिकल गायिका है और एक सात वर्षीय भाई सिद्धार्थ है जो तबला वादक है तीनों की संगत जब मंच पर होती है तो समां बंध जाता है आकांक्षा की मम्मी चन्द्रकला की संगीत के प्रति अटूट आस्था और मामा राजेन्द्र कुमार का समय समर्पण और मामा चौथमल के म्यूजिक टीचर होने के कारण शुरू से ही इन्हें क्लासिकल संगीत का वातावरण मिला जो अब वरदान साबित हो रहा है । आकांक्षा को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक गतिविधियों से जुड़े समाजसेवी जगदीश ए.पंचारिया पिछले कई महीनों से लगे हुए हैं जो एक अनूठा प्रयास है । इस शो में राजस्थान के बाड़मेर जिले के सूआला गाँव के थानु खां ने भी शानदार प्रस्तुति देकर फ़ाइनल में जगह बनाई है ।
No comments:
Post a comment