जयपुर। चांदपोल बाजार नींदड़ राव जी का रास्ता स्थित मुरली मनोहरजी मंदिर में सोमवार को भंडारे के साथ संगीतमय नानी बाई का मायरा कथा का समापन हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। कथा के अंतिम दिन व्यासपीठ से पं. उमेश शर्मा ने ठाकुरजी के नरसीजी का मुनीम बनकर छप्पन करोड़ का मायरा भरने की कथा का श्रवण करवाया। उन्होंने कहा कि जो ठाकुजी पर पूरी तरह विश्वास रखते हैं, भगवान उसका विश्वास टूटने नहीं देते। नानीबाई ने मायरे के लिए जो कुुंकुम पत्रिका भेजी थी, उसमे सबसे ऊपर ठाकुरजी का नाम और सबसे नीचे नरसी मेहता का नाम था तभी नरसीजी ने मान लिया कि जिसका नाम सबसे ऊपर है वे ही मायरा भरेंगे और जिसका नाम सबसे नीचे है वह तो भजन करेगा। वे तो खाली हाथ ही बेटी के ससुराल नगर अंजार पहुंच गए। नरसी मेहता का पता जब रंगजी को लगा तो रंगजी ने उनके रहने की व्यवस्था एक टूटे-फटे घर में कर दी और नरसी मेहता का अपमान किया। लेकिन ठाकुरजी ने यहां भी उनकी लाज रखी। आखिर में नरसीजी ने भगवान के दर्शन किए । भगवान ने नरसीजी का मान रखा और नानी बाई के 56 करोड़ का मायरा भरा। जो-जो सामान मंगवाया गया था वह सभी लेकर आए थे। उन्होंने पूरे अंजार नगर में सोने की मुहरों की बारिश कर दी। भात लेकर आए भक्तों ने भी नाचते-गाते मायरा भरा। इसलिए कहा गया है कि जो भी भगवान को पुकारता है, भगवान उसकी पुकार सुनकर दौड़े चले आते हैं। ठाकुरजी मुनीम बनकर मायरा भरने पहुंचे।मुरली मनोहरजी मंदिर में कथा का विश्राम
Monday, 20 May 2019

ठाकुरजी ने भरा नानी बाई को मायरो
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