- एकलव्य और मीरा पुरस्कार के तहत दिए जाएंगे 21-21 हजार रूपये एवं प्रशस्ती पत्र
- बालसभाओं के जरिए भामाशाहों ने प्रदान की 5 करोड़ की रािश
- शिक्षा मंत्री ने स्टेट ओपन स्कूल की कक्षा 12 का परिणाम किया जारी
जयपुर, 30 मई। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने गुरूवार को शिक्षा संकुल स्थित सभागार में राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की मार्च-मई 2019 की कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम जारी किया। उन्होंने बताया कि परीक्षा पणिाम 34.82 प्रतिशत रहा। उन्होंनें परीक्षा परिणाम जारी करने के साथ ही प्रदेशभर में इस परीक्षा में पुरूष वर्ग में 87.20 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले जयपुर के प्राक्रम सिंह शेखावत को तथा महिला वर्ग में राज्य भर में 81.80 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सर्वोच्च रहने वाली श्रीगंगानगर की विनस विश्नोई को व्यक्तिगत मोबाईल पर बधाई भी दी। इन दोनों को उन्होंने राज्य सरकार द्वारा 21-21 हजार रूपये एवं प्रशस्ती पत्र प्रदान कर एकलव्य एवं मीरा पुरस्कार से सम्मानित करने की भी घोषणा की।
परीक्षा परिणाम जारी करने के बाद डोटासरा ने बताया कि ओपन स्कूल की मार्च-मई 2019 की कक्षा 12वीं में कुल 61 हजार 181 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, इनमें से 60 हजार 709 ने परीक्षा दी। परीक्षा में 21 हजार 138 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। इनमें 11 हजार 810 महिलाएं तथा 9 हजार 328 पुरूष परीक्षार्थी रहे हैं। महिला अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम इस बार पुरूषों की तुलना में 9.45 प्रतिशत अधिक रहा है।
शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार ने स्टेट ओपन स्कूल परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली महिला एवं पुरूष अभ्यर्थियों को दिए जाने वाले मीरा एवं एकलव्य सम्मान की राशि इस बार बढ़ाकर प्रदान की जा रही है। उन्होंन कहा कि ऎसे परीक्षार्थी जो औपचारिक पढ़ाई किसी कारण से जारी नहीं रख सकते हैं, उनके लिए ओपन स्कूल सतत पढ़ाई जारी रखने का बेहतरीन माध्यम है।
डोटासरा ने परीक्षा में सफल रहने वाले परीक्षार्थियों को बधाई देने के साथ ही जिनके कम अंक आए हैं उन्हें और अधिक अंक लाने के लिए अधिक मेहनत करने और एकाग्रचित्त होकर नए सिरे से परीक्षाओं में सफल होने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के जिला प्रशिक्षण संस्थानों ‘डाईट्स’ को सुदृढ़ कर रही है। कभी प्रशिक्षण का मूल केन्द्र रही इन संस्थाओं को प्रशिक्षण के उत्कृष्ट केन्द्र बनाया जाएगा।
डोटासरा ने कहा कि गुणात्मक शिक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अल्प समय में ही राज्य सरकार ने शिक्षा की बेहतरी के लिए जो कदम उठाए हैं, उसी से ओपन स्कूल सहित बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम भी गत वर्षों की तुलना में बेहतर रहे हैं। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा परिणाम भी गत वर्षों की तुलना में समय से पहले जारी किए गए हैं।
परीक्षा परिणाम जारी करने के बाद डोटासरा ने बताया कि ओपन स्कूल की मार्च-मई 2019 की कक्षा 12वीं में कुल 61 हजार 181 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, इनमें से 60 हजार 709 ने परीक्षा दी। परीक्षा में 21 हजार 138 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। इनमें 11 हजार 810 महिलाएं तथा 9 हजार 328 पुरूष परीक्षार्थी रहे हैं। महिला अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम इस बार पुरूषों की तुलना में 9.45 प्रतिशत अधिक रहा है।
शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार ने स्टेट ओपन स्कूल परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली महिला एवं पुरूष अभ्यर्थियों को दिए जाने वाले मीरा एवं एकलव्य सम्मान की राशि इस बार बढ़ाकर प्रदान की जा रही है। उन्होंन कहा कि ऎसे परीक्षार्थी जो औपचारिक पढ़ाई किसी कारण से जारी नहीं रख सकते हैं, उनके लिए ओपन स्कूल सतत पढ़ाई जारी रखने का बेहतरीन माध्यम है।
डोटासरा ने परीक्षा में सफल रहने वाले परीक्षार्थियों को बधाई देने के साथ ही जिनके कम अंक आए हैं उन्हें और अधिक अंक लाने के लिए अधिक मेहनत करने और एकाग्रचित्त होकर नए सिरे से परीक्षाओं में सफल होने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के जिला प्रशिक्षण संस्थानों ‘डाईट्स’ को सुदृढ़ कर रही है। कभी प्रशिक्षण का मूल केन्द्र रही इन संस्थाओं को प्रशिक्षण के उत्कृष्ट केन्द्र बनाया जाएगा।
डोटासरा ने कहा कि गुणात्मक शिक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अल्प समय में ही राज्य सरकार ने शिक्षा की बेहतरी के लिए जो कदम उठाए हैं, उसी से ओपन स्कूल सहित बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम भी गत वर्षों की तुलना में बेहतर रहे हैं। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा परिणाम भी गत वर्षों की तुलना में समय से पहले जारी किए गए हैं।
बालसभाओं के जरिए भामाशाहों ने प्रदान की 5 करोड़ की राशि
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 9 मई को प्रदेशभर में सार्वजनिक स्थानों पर बालसभाओं के आयोजन के बेहतरीन परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि बालसभाओं से आम जन का शिक्षा से सीधे जुड़ाव सुनिश्चित हुआ है। भामाशाहों ने बालसभाओं के जरिए मौके पर ही 5 करोड़ रूपये राशि का आर्थिक सहयोग विद्यालयाेंं के विकास के लिए दिया है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि बालसभाओं के जरिए प्रदेश में शिक्षा को सभी के लिए चिन्ता का विषय बनाने के प्रयास निरंतर जारे रखे जाएंगे।
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