जयपुर। 16 अप्रेल, 2019। राजस्थान चैम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के मानद महासचिव व प्रदेष के सामाजिक-औद्योगिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों में सुपरिचित नाम डाॅ. के. एल. जैन को परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य विजय नित्यानन्द सुरिष्वर जी महाराज के जयपुर आगमन पर महाराज श्री के अभिनन्दन एवं प्रवचन के कार्यक्रम के अवसर पर “राजस्थान रत्न“ अलंकरण से सम्मानित किया गया है।
आचार्य विजय नित्यानन्द सुरिष्वर जी महाराज के कर कमलों द्वारा डाॅ. के. एल. जैन के जीवन पर आधारित एक ग्रन्थ का भी विमोचन किया गया। इस ग्रन्थ में डाॅ. जैन के जीवन के क्रमिक विकास को छायाचित्रों तथा विद्वतजनों के लेखों से सुषोभित करके संपादक मंडल द्वारा तैयार किया गया है।
इस ग्रंथ में आज की युवा पीढ़ी के लिए अनेक प्रेरणादायक संस्मरणों का समावेष किया गया है, जिससे प्रेरणा लेकर अन्य व्यक्ति भी अपने जीवन में सुधार ला सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि डाॅ. के. एल. जैन पिछले 50 वर्षों से भी अधिक समय से राजस्थान चैम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के मानद महासचिव के पद पर लगातार र्निविरोध रुप से निर्वाचित होकर सुषोभित हैं। वे अनेक औद्योगिक व सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर देष, राज्य व समाज के विकास में अपनी महती भूमिका अदा करते आ रहे हैं।
इस अवसर पर डाॅ. जैन ने कहा कि गच्छाधिपति आचार्य विजय नित्यानन्द सुरिष्वर जी महाराज के हाथों उनके जीवन पर आधारित ग्रंथ का विमोचन होना उनके जीवन की सबसे बडी उपलब्धि है तथा वे आगे भी इसी जि़्ादादिली के साथ देष-प्रदेष व समाज के विकास में क्रियाषील रहेंगे।
आचार्य विजय नित्यानन्द सुरिष्वर जी महाराज के कर कमलों द्वारा डाॅ. के. एल. जैन के जीवन पर आधारित एक ग्रन्थ का भी विमोचन किया गया। इस ग्रन्थ में डाॅ. जैन के जीवन के क्रमिक विकास को छायाचित्रों तथा विद्वतजनों के लेखों से सुषोभित करके संपादक मंडल द्वारा तैयार किया गया है।
इस ग्रंथ में आज की युवा पीढ़ी के लिए अनेक प्रेरणादायक संस्मरणों का समावेष किया गया है, जिससे प्रेरणा लेकर अन्य व्यक्ति भी अपने जीवन में सुधार ला सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि डाॅ. के. एल. जैन पिछले 50 वर्षों से भी अधिक समय से राजस्थान चैम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के मानद महासचिव के पद पर लगातार र्निविरोध रुप से निर्वाचित होकर सुषोभित हैं। वे अनेक औद्योगिक व सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर देष, राज्य व समाज के विकास में अपनी महती भूमिका अदा करते आ रहे हैं।
इस अवसर पर डाॅ. जैन ने कहा कि गच्छाधिपति आचार्य विजय नित्यानन्द सुरिष्वर जी महाराज के हाथों उनके जीवन पर आधारित ग्रंथ का विमोचन होना उनके जीवन की सबसे बडी उपलब्धि है तथा वे आगे भी इसी जि़्ादादिली के साथ देष-प्रदेष व समाज के विकास में क्रियाषील रहेंगे।
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