जयपुर। अगर दिल सामान्य से अधिक तेजी से धडक रहा हो, सांस लेने में तकलीफ हो, गला सूखे और अत्यधिक पसीना एवं बैचेनी जैसी समस्या हो तो चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। ये लक्षण हार्ट अटैक एवं हार्ट डिजीज के भी हो सकते हैं, ऐसी स्थिति में क्रिटिकल केयर स्टाॅफ को मरीज की लक्षणों के आधार पर उन्हें इलाज देना चाहिए। हार्ट डिजीज से जुडी क्रिटिकल केयर एवं संबंधित समस्याओं को लेकर मालवीय नगर स्थित एपेक्स हाॅस्पिटल में रविवार को आयोजित वर्कषाॅप में विषेषज्ञो ने कुछ ऐसे ही टिप्स दिए।
इस अवसर पर नर्सिंग स्टाॅफ कर्मियों को भी हार्ट डिजीज एवं अन्य समस्याओं को लेकर प्रारंभिक एवं क्रिटिकल केयर की बारीकियां सिखाई गई। कार्यक्रम में डाॅ विपुल खंडेलवाल, डाॅ बीएम गोयल, डाॅ शैलेन्द्र मोटवानी ने संबोधित करते हुए इस हार्ट डिजीज की समस्या से उबरने के टिप्स दिए।
डाॅ विपुल ने जहां मेडिकली क्रिटिकल केयर में अनियमित धडकन को भांप कर उसके अनुसार प्राइमरी इलाज के तरीके बताए वहीं डाॅ गोयल ने एक्सीडेंट अथवा आईसीयू की स्थिति में बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम के बारे में बताया। इस अवसर पर वर्कषाॅप में आए लोगो ने भी अपनी क्वेरीज की जिनके मौके पर ही जवाब दिए गए। एक्सपट्र्स ने इस मौके पर टेककार्डिया के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी, इसमें दर्द, बुखार, एन्जायटी आदि के अनुसार इलाज देने की आवष्यक्ता बताई। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्तर पर मरीज को दिए गए इलाज पर आगे का इलाज निर्भर करता है, ऐसे में प्रारंभिक स्तर पर बेहतर इलाज जरूरी है। अस्पताल के नर्सिंग अधीक्षक पवन पारीक ने बताया कि अस्पताल की ओर से मरीजो केा बेहतर सुविधाएं प्रदान करवाने के क्रम में नर्सिंग स्टाॅफ को समय-समय पर इस तरह के सेषन्स के द्वारा बेहतर प्रषिक्षित किया जाता है। इसमें क्रिटिकल केयर विषेषज्ञ एवं सब्जेक्ट विषेषज्ञ अपने अनुभव एवं ज्ञान से नर्सिंग स्टाॅफ का मार्गदर्षन करते हैं ताकि फील्ड में बेहतर कार्य हो सके।
इस अवसर पर नर्सिंग स्टाॅफ कर्मियों को भी हार्ट डिजीज एवं अन्य समस्याओं को लेकर प्रारंभिक एवं क्रिटिकल केयर की बारीकियां सिखाई गई। कार्यक्रम में डाॅ विपुल खंडेलवाल, डाॅ बीएम गोयल, डाॅ शैलेन्द्र मोटवानी ने संबोधित करते हुए इस हार्ट डिजीज की समस्या से उबरने के टिप्स दिए।
डाॅ विपुल ने जहां मेडिकली क्रिटिकल केयर में अनियमित धडकन को भांप कर उसके अनुसार प्राइमरी इलाज के तरीके बताए वहीं डाॅ गोयल ने एक्सीडेंट अथवा आईसीयू की स्थिति में बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम के बारे में बताया। इस अवसर पर वर्कषाॅप में आए लोगो ने भी अपनी क्वेरीज की जिनके मौके पर ही जवाब दिए गए। एक्सपट्र्स ने इस मौके पर टेककार्डिया के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी, इसमें दर्द, बुखार, एन्जायटी आदि के अनुसार इलाज देने की आवष्यक्ता बताई। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्तर पर मरीज को दिए गए इलाज पर आगे का इलाज निर्भर करता है, ऐसे में प्रारंभिक स्तर पर बेहतर इलाज जरूरी है। अस्पताल के नर्सिंग अधीक्षक पवन पारीक ने बताया कि अस्पताल की ओर से मरीजो केा बेहतर सुविधाएं प्रदान करवाने के क्रम में नर्सिंग स्टाॅफ को समय-समय पर इस तरह के सेषन्स के द्वारा बेहतर प्रषिक्षित किया जाता है। इसमें क्रिटिकल केयर विषेषज्ञ एवं सब्जेक्ट विषेषज्ञ अपने अनुभव एवं ज्ञान से नर्सिंग स्टाॅफ का मार्गदर्षन करते हैं ताकि फील्ड में बेहतर कार्य हो सके।
No comments:
Post a comment