जयपुर, 2 अप्रैल । विशेष बच्चों के लिए कार्यरत सीतापुरा स्थित लक्ष्य विशेष स्कूल में विश्व ऑटिज़्म डे पर मंगलवार को ऑटिज़्म अवेयरनेस प्रोग्राम पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पेरेंट्स को ऑटिज़्म क्या है, और उसके लक्षणों के बारे में जानकारी दी गई। स्कूल की डायरेक्टर मीणा राजपूत ने बताया कि स्कूल में ऑटिज़्म के साथ-साथ सीपी, एमआर, स्लो लर्नर, एडीएचडी, दायन सिंद्रोम पर भी वर्क किया जाता हैं जिससे जुडी कर जानकारी पेरेंट्स को बताई गई।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों से मिलने पहुंचे सोशल अक्टिविस्ट दिव्य बलदुआ ने कहा कि ऑटिज़्म कोई बीमारी नहीं हैं ये एक स्पेक्ट्रम डिसोर्डेर हैं। यदि ऑटिज़्म का वक़्त पर पता लग जाए तो इससे ग्रसित बच्चा ठीक भी हो सकता है। इसके लक्षणों में खास जन्म के बाद होने वाली समस्या है, जिसका पता जन्म के 1-2 साल की आयु में ही पता चल जाता है। इसमें बच्चा आंखें नहीं मिलाता व किसी की तरफ़ ध्यान नहीं देता, बच्चा अकेला रहना पसंद करता है। ऑटिज़्म बच्चें केवल प्यार की भाषा ही समझते है और बदले में अनकडिशनल प्यार करते है ।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों से मिलने पहुंचे सोशल अक्टिविस्ट दिव्य बलदुआ ने कहा कि ऑटिज़्म कोई बीमारी नहीं हैं ये एक स्पेक्ट्रम डिसोर्डेर हैं। यदि ऑटिज़्म का वक़्त पर पता लग जाए तो इससे ग्रसित बच्चा ठीक भी हो सकता है। इसके लक्षणों में खास जन्म के बाद होने वाली समस्या है, जिसका पता जन्म के 1-2 साल की आयु में ही पता चल जाता है। इसमें बच्चा आंखें नहीं मिलाता व किसी की तरफ़ ध्यान नहीं देता, बच्चा अकेला रहना पसंद करता है। ऑटिज़्म बच्चें केवल प्यार की भाषा ही समझते है और बदले में अनकडिशनल प्यार करते है ।
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