जेकेके में दो दिवसीय थिरक उत्सव का आगाज
42 स्टूडेंट्स ने किया गुरु मनीषा गुलयानी के सबक को साकार

चार स्टूडेंट्स हुए सम्मानित
समारोह के दौरान 4 स्टूडेंट्स को सम्मानित किया गया। सम्मानितों में भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ कल्चरल की ओर से चुने गए नेशनल स्कॉलर 3 स्टूडेंट्स शामिल हैं। एक स्टूडेंट को अक्षरा स्कॉलरशिप अवॉर्ड प्रदान किया गया। इसमें ह्यूदिता सिंह को नेशनल स्कॉलरशिप अवॉर्ड-2018-19, धृतिमणि त्रिपाठी को अक्षरा स्कॉलरशिप अवॉर्ड -2018-19 और आरोही अग्रवाल व कृष्णेशी शर्मा को नेशनल स्कॉलरशिप अवॉर्ड-2017-18 से नवाजा गया।
कान्ह खेलों कहो ऐसो होरी...
इससे पहले का नृत्य आधारित थिरक उत्सव का आगाज स्टूडेंट्स की गणेश वंदना की सलोनी प्रस्तुति से हुआ। शहर की मशहूर कथक नृत्यांगना मनीषा गुलयानी के निर्देशन में नवक कथक में करीब चार दर्जन से अधिक बाल व किशोर कलाकारों ने विभिन्न तालों तीन ताल, झपताल, एक ताल और रूपक ताल में लयबद्ध शुद्ध पारंपरिक और भाव नृत्य का अलहदा रूप दर्शाया। ठाठ, आमद, तोड़े, टुकड़े, कुछ फरमाइशी परणें, गत भाव, गत निकास के प्रदर्शन में इन कलाकारों ने जयपुर घराने की खुशबू से दर्शकों को आनंदित कर दिया। बच्चों की एक ताल में गुरु श्लोक व रूपक ताल में शिव श्लोक की प्रस्तुति भी सराही गई। माखन चोर... और कान्ह खेलों कहो ऐसो होरी...जैसी रचनाओं पर इन कलाकारों ने आंगिक-भंगिमाओं के साथ घुंघरुओं के लास्य का बेहतरीन संयोजन दर्शाकर सभागार में मौजूद बड़ी तादाद में दर्शकों की प्रशंसा बंटोरी। इसमें आशी, अदिति, भावांशी, ईशिका, कस्तूरी, तनिष्का, विदुषी, श्रेया, मृदुला, आरना, रीत नंदा, निश्का रॉय, धृतिमणि, आरोही और सुहानी समेत 42 कलाकारों ने मंचीय प्रस्तुति दी। पढ़ंत पर खुद मनीषा गुलयानी रहीं। पखावज पर डॉ.प्रवीण आर्य, तबले पर मुजफ्फर रहमान, गायन व हारमोनियम पर रमेश मेवाल और सारंगी पर मोमिन खान ने असरदार संगत की।
पिया बिन सूनो छैजी म्हारो देस...में छलका वियोग और शृंगार भाव
पहले दिन की प्रस्तुतियों का खास आकर्षण नई दिल्ली के एमिनेंट कलाकार धीरेन्द्र तिवारी का कथक नृत्य रहा। उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत में राग भटियार में पिरोई शिव स्तुति महेशम् सुरेशम्.... की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। उन्होंने तीन ताल में ठाठ,उठान, आमद, परणें, जयपुर की खास लमछड़ परणें और तलवार की गत निकास को अपने खास अंदाज में पेश कर जयपुर घराने के शुद्ध पारंपरिक कथक का लालित्य छलका दिया। इसके बाद नृत्य कलाकार धीरेन्द्र ने तीन ताल में निबद्ध और तीन रागों कौशिक ध्वनि, देस और मांड में पिरोई मीरांबाई की रचना पिया बिन सूनो छैजी म्हारो देस...में वियोग और शृंगार भाव को खूबसूरती से दर्शाया।
तैयारी पक्ष और लय की दिखी उम्दा बानगी
देश-दुनिया के मकबूल कथक नर्तक धीरेन्द्र तिवारी ने अपनी आसमांकद्र प्रस्तुति में बेहतरीन आंगिक-भंगिमाओं और कठिन फुटवर्क को सहज भाव से पेश शहर के कथक नृत्य प्रेमियों के दिलों को छू लिया। खास बात यह रही कि नर्तक धीरेन्द्र ने अपनी तैयारी पक्ष और लय के महिन काम के नयनाभिराम प्रदर्शन में अपने गुरु राजेन्द्र गंगानी के सबक और खुद की क्रिएटिविटी का उम्दा संयोजन दर्शाया, जिससे कथक का शुद्ध पारंपरिक रूप निखर उठा। इस कलाकार ने प्रस्तुतियों के दौरान मीठे, सुरीले लयबद्ध बोलों से खुद ने ही पढ़ंत की, जिसमें कलाकार का रियाज, साधना और नृत्य की जिजीविषा एकाकार प्रांजल स्वरूप दिखाई दिया। पखावज पर महावीर गंगानी, तबले पर योगेश गंगानी, गायन व हारमोनियम पर उस्ताद समिउल्लाह खान और सितार पर वरिष्ठ कलाकार हरिहरशरण भट्ट ने दमदार संगत की।संचालन प्रणय भारद्वाज ने किया।
आज होगी रुट्स ऑफ कथक विषयक संगोष्ठी
थिरक इंडिया कल्चरल सोसासटी की सचिव मनीषा गुलयानी ने बताया कि उत्सव के दूसरे दिन 20 अप्रेल, रविवार को जेकेके के रंगायन सभागार में प्रात: 9 बजे रुट्स ऑफ कथक विषयक संगोष्ठी होगी। संगोष्ठी में देश-दुनिया के नामी कलाकार हिस्सा लेंगे। तमाम विषय विशेषज्ञ कथक नृत्य के पारंपरिक स्वरूप व नए आयामों पर रोशनी डालेंगे। इसमें नई दिल्ली से जयकिशन महाराज, मुम्बई से सुनयना हजारीलाल, सिंगापुर से पं.चरण गिरधर चांद, नई दिल्ली से बृजेन्द्र रेही, नवीना जाफा, जयपुर से ज्योति भारती गोस्वामी,मंडला से चेतना ज्योतिषी, जयपुर से पं.गिरधारी महाराज, नई दिल्ली से जयंत कस्तूर, नई दिल्ली से मंजरी सिन्हा, लखनऊ से पूर्णिमा पांडे, पुणे से रोशन दातये शामिल होंगी। नई दिल्ली की प्रेरणा श्रीमाली संगोष्ठी को मॉडरेट करेंगी। कार्यक्रम में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।
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