मुंबई,19 मार्च, 2019। एक्ज़िम बैंक के अध्ययन में दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय (एसएडीसी) क्षेत्र में वर्तमान व्यापार और निवेश परिदृश्य तथा भारतीय व्यवसाय के लिए विद्यमान अवसरों का विश्लेषण किया गया है। इस अध्ययन में दक्षिण अफ्रीकी विकास समुदाय के अंतरक्षेत्रीय एवं वैश्विक व्यापार तथा विदेशी निवेश के रुझानों को रेखांकित करते हुए व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए रणनीति बताई गई है।
सैडेक देश अफ्रीकी क्षेत्र का अभिन्न अंग हैं जिनका 2017 में अफ्रीका के कुल भौगोलिक क्षेत्र, जीडीपी और आबादी में लगभग एक तिहाई हिस्सा था। अफ्रीका के प्रमुख क्षेत्रीय व्यापार संगठनों में, सैडेक का 2017 में अफ्रीका के सकल घरेलू उत्पाद (सांकेतिक) का सबसे ज्यादा योगदान रहा है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अनुसार, अफ्रीकी क्षेत्रीय व्यापार करार (आरटीए) में सैडेक का मूल्य की दृष्टि से पहला स्थान है और 2017 में कुल अफ्रीकी निर्यातों में इसका 37.3 प्रतिशत हिस्सा रहा है।
अन्य विकासशील देशों को भारत के बढ़ते वैश्विक व्यापार के चलते सैडेक भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार भागीदार के रूप में उभरा है। पिछले दस वर्षों में सैडेक देशों के साथ भारत का कुल व्यापार वर्ष 2008 में 13.7 अरब यू एस डॉलर से लगभग दोगुना बढ़कर 2017 में 25.5 अरब यू एस डॉलर हो गया है। सैडेक को भारत के निर्यात में खनिज ईंधन और दवा उत्पादों का दबदबा बना हुआ है। वर्ष 2017 में सैडेक को भारत के कुल निर्यात में इनका 46.7 प्रतिशत हिस्सा रहा। हालांकि खनिज ईंधन की हिस्सेदारी में गिरावट देखी गई, किन्तु पिछले दस वर्षों के दौरान दवा उत्पादों की संख्या में दोगुनी से अधिक वृद्धि हो गई है। दक्षिण अफ्रीका सैडेक में भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है, जिसका 2017 में भारत के कुल निर्यात का लगभग 44.9 प्रतिशत हिस्सा रहा है। सैडेक अन्य प्रमुख निर्यात बाजार तंजानिया, मोजाम्बिक तथा मॉरिशस हैं। भारत से 2017 में सैडेक क्षेत्र द्वारा लगभग 78 प्रतिशत खनिज ईंधन, तैल तथा इसके उत्पाद, (प्रमुख रूप से क्रूड ऑयल) तथा मोती एवं कीमती पत्थर आदि का आयात किया गया है। दक्षिण अफ्रीका भारत से प्रमुख आयातक देश है, इसके बाद अंगोला, बोत्सवाना, तंजानिया, मोजम्बिक तथा जाम्बिया हैं।
एस ए डी सी के व्यापारिक पार्टनर के रूप में भारत के बढ़ते महत्व का आकलन इस तथ्य से किया जा सकता है कि एसएडीसी के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 2008 में 2.9 प्रतिशत से लगभग दोगुना बढ़कर 2017 में 6.4 प्रतिशत हो गई है, जिसमें अफ्रीका में भारत के कुल व्यापार में सैडेक की हिस्सेदारी 2008 के 32.8 प्रतिशत से बढ़कर 2017 में 42.4 प्रतिशत हो गई है।
सैडेक देश अफ्रीकी क्षेत्र का अभिन्न अंग हैं जिनका 2017 में अफ्रीका के कुल भौगोलिक क्षेत्र, जीडीपी और आबादी में लगभग एक तिहाई हिस्सा था। अफ्रीका के प्रमुख क्षेत्रीय व्यापार संगठनों में, सैडेक का 2017 में अफ्रीका के सकल घरेलू उत्पाद (सांकेतिक) का सबसे ज्यादा योगदान रहा है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अनुसार, अफ्रीकी क्षेत्रीय व्यापार करार (आरटीए) में सैडेक का मूल्य की दृष्टि से पहला स्थान है और 2017 में कुल अफ्रीकी निर्यातों में इसका 37.3 प्रतिशत हिस्सा रहा है।
अन्य विकासशील देशों को भारत के बढ़ते वैश्विक व्यापार के चलते सैडेक भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार भागीदार के रूप में उभरा है। पिछले दस वर्षों में सैडेक देशों के साथ भारत का कुल व्यापार वर्ष 2008 में 13.7 अरब यू एस डॉलर से लगभग दोगुना बढ़कर 2017 में 25.5 अरब यू एस डॉलर हो गया है। सैडेक को भारत के निर्यात में खनिज ईंधन और दवा उत्पादों का दबदबा बना हुआ है। वर्ष 2017 में सैडेक को भारत के कुल निर्यात में इनका 46.7 प्रतिशत हिस्सा रहा। हालांकि खनिज ईंधन की हिस्सेदारी में गिरावट देखी गई, किन्तु पिछले दस वर्षों के दौरान दवा उत्पादों की संख्या में दोगुनी से अधिक वृद्धि हो गई है। दक्षिण अफ्रीका सैडेक में भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है, जिसका 2017 में भारत के कुल निर्यात का लगभग 44.9 प्रतिशत हिस्सा रहा है। सैडेक अन्य प्रमुख निर्यात बाजार तंजानिया, मोजाम्बिक तथा मॉरिशस हैं। भारत से 2017 में सैडेक क्षेत्र द्वारा लगभग 78 प्रतिशत खनिज ईंधन, तैल तथा इसके उत्पाद, (प्रमुख रूप से क्रूड ऑयल) तथा मोती एवं कीमती पत्थर आदि का आयात किया गया है। दक्षिण अफ्रीका भारत से प्रमुख आयातक देश है, इसके बाद अंगोला, बोत्सवाना, तंजानिया, मोजम्बिक तथा जाम्बिया हैं।
एस ए डी सी के व्यापारिक पार्टनर के रूप में भारत के बढ़ते महत्व का आकलन इस तथ्य से किया जा सकता है कि एसएडीसी के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 2008 में 2.9 प्रतिशत से लगभग दोगुना बढ़कर 2017 में 6.4 प्रतिशत हो गई है, जिसमें अफ्रीका में भारत के कुल व्यापार में सैडेक की हिस्सेदारी 2008 के 32.8 प्रतिशत से बढ़कर 2017 में 42.4 प्रतिशत हो गई है।
No comments:
Post a comment