जयपुर। बड़े बजट की फ़िल्में तो अपनी अच्छी खासी स्टार कास्ट के चलते अपना प्रमोशनल बजट निकाल लेती हैं। लेकिन क्षेत्रीय सिनेमा ऐसे समय में बहुत कमजोर नजर आता है। इसे लेकर समाधान देते हुए अक्षय गिरमे बताते हैं मैंने सबसे पहले यह काम महाराष्ट्र में शुरू किया जिसके बाद अब इसे राजस्थान और धीरे धीरे अन्य क्षेत्रीय सिनेमा के विकास में मदद करने के लिए लगाना चाहता हूं। डिजिटल मीडिया के चलते अक्षय एड मीडिया पुणे के जरिए क्षेत्रीय सिनेमा को एक अच्छी पहचान देना चाहते हैं।
फाउंडर अक्षय गिरमे ने बताया कि मैंने सबसे पहले यह समस्या मराठी सिनेमा में महसूस की। कम बजट और खास पहचान ना होने के कारन मूवीस का प्रोमोशन नही होता। इससे कई बार अच्छा सिनेमा दर्शकों की नज़रों से दूर हो जाता है। मूवी का डिजिटल मीडिया मे कोई प्रोमोशन नही होता। इसके बाद मैंने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की। सिर्फ फ़िल्में ही नहीं स्टार्स के प्रमोशन पर भी जोर देते हुए अक्षय ने कहा कि जबतक सिनेमा के लोग स्टार्स को नहीं जानेंगे तो प्रमोशन का क्या फायदा। इसमें स्टार्स को भी आगे आना चाहिए।
फाउंडर अक्षय गिरमे ने बताया कि मैंने सबसे पहले यह समस्या मराठी सिनेमा में महसूस की। कम बजट और खास पहचान ना होने के कारन मूवीस का प्रोमोशन नही होता। इससे कई बार अच्छा सिनेमा दर्शकों की नज़रों से दूर हो जाता है। मूवी का डिजिटल मीडिया मे कोई प्रोमोशन नही होता। इसके बाद मैंने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की। सिर्फ फ़िल्में ही नहीं स्टार्स के प्रमोशन पर भी जोर देते हुए अक्षय ने कहा कि जबतक सिनेमा के लोग स्टार्स को नहीं जानेंगे तो प्रमोशन का क्या फायदा। इसमें स्टार्स को भी आगे आना चाहिए।
गौरतलब है कि अक्षय ने डिजिटल मीडिया को लेकर बेहद सजग है। वे मराठी के साथ अन्य अन्य क्षेत्रीय सिनेमा को भी प्रमोट करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थानी सिनेमा से कई लोग मुंबई आकर वहां बॉलीवुड ज्वाइन करना चाहते हैं। लेकिन वे क्यों यही रहकर अपने सिनेमा को अप्रोच नहीं करते। इन सब समस्या का जवाब ढूंढ कर क्षेत्रीय सिनेमा के लिए भी कार्य करना होगा।
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