बाईजी मंदिर में रियासतकाल से हो रहा है गणगौर का पूजन
जयपुर। बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण बाईजी मंदिर में सुहागिनों का त्यौहार गणगौर पर्व परम्परागत उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सुख-सौभाग्य, श्रेष्ठ वर की कामना के साथ कुंवारी लड़कियां, नव-विवाहिता और महिलाएं धुलंडी के दिन से होली की राख से सोलह गणगौर बनाकर पूजा कर रही है। मंदिर महंत पुरुषोत्तम भारती ने बताया कि यह मंदिर जयपुर की स्थापना से पूर्व से ही गणगौर की पूजा होती है। गणगौर पूजन के लिए विभिन्न कॉलोनियों की महिलाएं यहां आ रही हैं। उल्लेखनीय है कि गणगौर पर परंपरागत गीतों के साथ ईसर और पार्वती का पूजन किया जाता है। आठवें दिन कुम्हार के घर से मिट्टी लाकर बड़ी गणगौर माता बनाई जाएगी। गणगौर के साथ ईसर, ब्रह्मा-ब्राह्मी, मालन-माली, पोल्या-पोली के स्वरूप भी बनाए जाएंगे। मंजू भारती ने बताया कि चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से चैत्र शुक्ल तृतीया तक 16 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में कुंवारी लड़कियां जहां गण यानि शिव तथा गौर यानि पार्वती से मनपसंद वर पाने की कामना करती हैं। वहीं, विवाहित महिलाएं सुहाग की सलामती के लिए पूजन करती है।
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